चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में मनुष्य के जीवन और मरण के रहस्यों को भी उजागर किया था उन्होंने मनुष्यो की ऐसी परिस्थीतिओं का वर्णन किया था जिसमे मनुष्य जल्द ही मृत्यु को प्राप्त करता है, चाणक्य ने कुछ ऐसे कामो के बारे में बताया जो की मनुष्य अपने जीवन में ऐसे कार्यो में सम्मिलित रहता है वह शीघ्र ही मृत्यु के मुख की ओर अग्रसर होने लगता है | आज हम आपको मनुष्य के उन्ही कामो के बारे में बताएंगे जो मनुष्य की अकाल मृत्यु का कारण बनते है |
स्वयं का ध्यान ना रखने वाले
चाणक्य नीति में बताया गया है कि जो लोग खुद पर ज्यादा ध्यान नहीं देते है, खुद के शरीर की साफ़ सफाई पर जिनका जरा भी ध्यान नहीं होता है ऐसे लोग शीघ्र ही मृत्यु को प्राप्त करते है | सेहत का ख्याल ना रखना, खुद से नफरत करना ये सभी कार्य मृत्यु की ओर ले जाते है |
बुजुर्गो की इज़्ज़त ना करना
चाणक्य ने बताया था कि जो व्यक्ति अपने से बड़ो और बुजुर्गो का सम्मान नहीं करता है, उन्हें हीन भावना से देखता है,उनका तिरस्कार करता है, ऐसे लोग जल्द ही मरने वालो की श्रेणी में आते है, चाणक्य के अनुसार ऐसा करने वाले लोग मानसिक के साथ साथ शारीरिक हानि का भी शिकार होने लगते है | हमारे प्राचीन शास्त्रों में भी बताया गया है की ऐसा करने से मनुष्य की उम्र कम होने लगती है |
गुरु से घृणा करने वाले
गुरु को भगवान का दर्जा दिया गया है, क्योंकि गुरु ही हमें जीवन में आगे बढ़ने के लिए ज्ञान प्रदान करते है, जीवन का मूल्य सिखाते है ऐसे में अगर कोई गुरु का तिरस्कार करता है तो जल्द ही मृत्यु को प्राप्त करता है | शास्त्रों में बताया गया है कि गुरु से घृणा करना मानसिक हानि का कारण बनता है |
महान आत्मा का अपमान
शास्त्रों में बताया गया है कि जो मनुष्य अपने जीवन में किसी विद्वान या किसी महान आत्मा या किसी सिद्ध पुरुष का अपमान करता है वह व्यक्ति अपने जीवन में कभी सफलता नहीं पाता है, बल्कि ऐसा करने से वो मौत के करीब होने लगता है, इसीलिए कभी भी किसी विद्वान का अपमान नहीं करना चाहिए |